वयस्कों और बूढ़ों की तुलना में बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने पर इतना गौर नहीं किया जाता है क्योंकि हड्डियों को प्रभावित करने वाली बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती है। हालांकि, आपको बता दें कि लड़कियों की 18 साल और लड़कों की 20 साल की उम्र तक हड्डियों का 90 फीसदी बोन मास (हड्डी का द्रव्यमान) बन जाता है। इस वजह से बच्चों की हड्डियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
ड्डियों के लिए जरूरी है कैल्शियम 86 फीसदी किशोर लड़कियों को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल पाता है। चूंकि, 95 फीसदी बोन मास 20 साल की उम्र तक ही बन जाता है इसलिए इस उम्र तक रोज सही मात्रा में कैल्शियम लेना बहुत जरूरी है। चार से आठ साल के बच्चों को रोजाना 1,000 मिग्रा कैल्शियम और 9 से 18 साल की उम्र के बच्चों को 1,300 मिग्रा कैल्शियम की जरूरत होती है। दूध और दूध से बने उत्पाद कैल्शियम का भंडार होते हैं। हर उम्र के बच्चे को दिन में कम से कम दो गिलास दूध जरूर पीना चाहिए। डेयरी उत्पादों जैसे कि चीज और योगर्ट भी कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाते हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए अपने बच्चे के आहार में पालक, केल और भिंडी शामिल करें। संतरा भी कैल्शियम से युक्त होता है। आप बच्चे को नाश्ते में संतरे का ताजा जूस दे सकती हैं।
ड्डियों के लिए जरूरी है कैल्शियम
86 फीसदी किशोर लड़कियों को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल पाता है। चूंकि, 95 फीसदी बोन मास 20 साल की उम्र तक ही बन जाता है इसलिए इस उम्र तक रोज सही मात्रा में कैल्शियम लेना बहुत जरूरी है। चार से आठ साल के बच्चों को रोजाना 1,000 मिग्रा कैल्शियम और 9 से 18 साल की उम्र के बच्चों को 1,300 मिग्रा कैल्शियम की जरूरत होती है। दूध और दूध से बने उत्पाद कैल्शियम का भंडार होते हैं। हर उम्र के बच्चे को दिन में कम से कम दो गिलास दूध जरूर पीना चाहिए। डेयरी उत्पादों जैसे कि चीज और योगर्ट भी कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाते हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए अपने बच्चे के आहार में पालक, केल और भिंडी शामिल करें। संतरा भी कैल्शियम से युक्त होता है। आप बच्चे को नाश्ते में संतरे का ताजा जूस दे सकती हैं।
मैग्नीशियम यदि बच्चे पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नहीं लेते हैं तो आगे चलकर उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। पालक और फूलगोभी में मैग्नीशियम पाया जाता है। इसके अलावा बच्चों के शरीर को सोयाबीन से भी भरपूर मैग्नीशियम मिल सकता है। मैग्नीशियम एक खनिज पदार्थ है जो कि बादाम, पालक, काले चने, ओट्स, मूंगफली, मक्खन, एवोकाडो और आलू में पाया जाता है।
मैग्नीशियम
यदि बच्चे पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नहीं लेते हैं तो आगे चलकर उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। पालक और फूलगोभी में मैग्नीशियम पाया जाता है। इसके अलावा बच्चों के शरीर को सोयाबीन से भी भरपूर मैग्नीशियम मिल सकता है। मैग्नीशियम एक खनिज पदार्थ है जो कि बादाम, पालक, काले चने, ओट्स, मूंगफली, मक्खन, एवोकाडो और आलू में पाया जाता है।
विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी भी बहुत आवश्यक पोषक तत्व है। विटामिन डी कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की मदद करता है। बच्चों और किशोरों को दिन में लगभग 600 इंटरनेशनल यूनिट (आईयू) की जरूरत होती है। विटामिन डी की कमी के कारण मांसपेशियों में थकान और कमजोरी महसूस होती है। बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण रिकेटस की बीमारी हो सकती है। इसमें हड्डियां मुलायम होकर मुड़ जाती है। एक से आठ साल के बच्चे को प्रतिदिन 2,500 से 3,000 आईयू विटामिन डी और 9 साल से अधिक उम्र के बच्चों को 4,000 आईयू विटामिन डी की जरूरत होती है। फिश जैसे कि ट्यूना और अंडे के पीले भाग में विटामिन डी होता है। बच्चों की पसंदीदा चीज में भी विटामिन डी पाया जाता है। विटामिन डी का सबसे बेहतरीन स्रोत धूप होती है। दिनभर में कम से कम 10 मिनट तो धूप लेनी चाहिए।
विटामिन डी
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी भी बहुत आवश्यक पोषक तत्व है। विटामिन डी कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की मदद करता है। बच्चों और किशोरों को दिन में लगभग 600 इंटरनेशनल यूनिट (आईयू) की जरूरत होती है। विटामिन डी की कमी के कारण मांसपेशियों में थकान और कमजोरी महसूस होती है। बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण रिकेटस की बीमारी हो सकती है। इसमें हड्डियां मुलायम होकर मुड़ जाती है।
एक से आठ साल के बच्चे को प्रतिदिन 2,500 से 3,000 आईयू विटामिन डी और 9 साल से अधिक उम्र के बच्चों को 4,000 आईयू विटामिन डी की जरूरत होती है। फिश जैसे कि ट्यूना और अंडे के पीले भाग में विटामिन डी होता है। बच्चों की पसंदीदा चीज में भी विटामिन डी पाया जाता है। विटामिन डी का सबसे बेहतरीन स्रोत धूप होती है। दिनभर में कम से कम 10 मिनट तो धूप लेनी चाहिए।
विटामिन-K ऐसा माना जाता है कि उच्च मात्रा में विटामिन-K लेने से हड्डियों की मोटाई भी ज्यादा होती है और इनमें रिकेटस एवं ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। विटामिन के कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि केल, पत्तागोभी पालक और ब्रोकली विटामिन-K से भरपूर होती है।
विटामिन-K
ऐसा माना जाता है कि उच्च मात्रा में विटामिन-K लेने से हड्डियों की मोटाई भी ज्यादा होती है और इनमें रिकेटस एवं ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। विटामिन के कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे कि केल, पत्तागोभी पालक और ब्रोकली विटामिन-K से भरपूर होती है।
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